रीवा। जिले के नगरीय निकाय चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नगर निगम चुनाव को लेके के दिनों से मंथन किया जा रहा है। कांग्रेस और भाजपा के रीवा महापौर प्रत्यासी को लेके कयास लगाए जा रहे थे, हालांकि हुआ वही जो जनता चाह रही थी। इस चुनाव में कांग्रेस कमेटी ने सिफारिश व जान-पहचान को महत्व न देते हुए जनता के लिए संघर्ष करने वाले प्रत्यासी का चुनाव प्रदेश भर में किया है। इस लिस्ट में रीवा से महापौर प्रत्यासी के लिए अजय मिश्रा बाबा का नाम फाइनल किया गया है। नगर निगमो के महापौर प्रत्यासी को लेके मुहर लग गई है जिसमे रीवा नगर निगम से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा बाबा का नाम फाइनल की सूची में है। यानि कि रीवा नगर निगम के अंगले महापौर अजय मिश्रा बाबा होंगे, यह कहना इसलिए भी गलत नही होगा क्योंकि पार्षदी कार्यकाल में ही अजय मिश्रा बाबा ने जनहित की कई लड़ाइयां लड़ी और जनता के लिए कार्य किया, अजय मिश्रा के द्वारा किये गए संघर्षों का ही परिणाम रहा कि रीवा में महापौर प्रत्यासी के रूप में अजय मिश्रा बाबा को चुना गया है। बता दें कि इसकी वजह भी यह है कि कांग्रेस से कई दफा पार्षद रह चुके अजय मिश्रा बाबा ने नगर निगम में हुए कई भ्रष्टाचारों को उजागर किया और जनता की लड़ाई लड़ी, उस वक्त अजय मिश्रा काफी चर्चाओं में आए जब उनके द्वारा 1.82 करोड़ से अधिक की स्वीपिंग मशीन की खरीदी में निगम अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को उजागर किया, इतना ही नहीं सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर लगातार विरोध किया और अंत में वहीं हुआ जो बाबा विरोध में कह रहे थे, कंपनी ने पूरे शहर की सड़के उखाड़ दी और उसे काम न कर पाने के चलते ब्लैक लिस्टेड किया गया।
इसके अलावा एलईडी प्रोजेक्ट घोटाला, वॉटर स्ट्रॉम प्रोजेक्ट, संबल योजना में घोटाला सहित नगर निगम में हुए गौवंश दफन मामले में उन्होंने बड़े खुलासे किए और जमकर विरोध किया। निर्माण कार्यो में हुई टेंडर फिक्सिंग को लेकर परिषद् और जनता के बीच खुलकर बोले और पोल खोली, अजय मिश्रा बाबा पर दांव लगाने की एक बड़ी वजह यह भी है कि रीवा में जिस समदडिय़ा बिल्डर का विरोध कांग्रेस नेता कर रहे थे वह कांग्रेस सरकार आने के बाद चुप हो गए लेकिन पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला के कार्यो को मनमानी बताते हुए व समदडिय़ा बिल्डर पर हुई मेंहरबानी को लेकर बाबा ने खुलकर बोला और विरोध किया, उनके कई विरोध सफल हुए और जनता को राहत मिली, नगर निगम में भाजपा की एमआईसी महापौर और परिषद होते हुए भी अजय मिश्रा ने अपने सभी 15 पार्षदो का साथ लेकर करोड़ो के विकास कार्य वार्डो में कराएं। इसलिए बाबा के अलावा किसी का नाम भी सुनने को कांग्रेस कमेटी तैयार नही। जनता का भी कहना है कि इस दफा अजय मिश्रा बाबा जैसा महापौर चाहिए जो निगम के कामकाज का जानकार है और जनहित की बात करता है ऐसा नहीं कि वह पांच वर्ष अधिकारियों द्वारा किए गए गोलमाल में ही फंसा रह जाए और इनको छिपाने के लिए डमी के रूप में काम करे।