रीवा। नगर निगम अधिकारी अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा ही चर्चाओं में रहते है, कभी घोंटालो में उनका नाम आता है तो कभी मनमानियों को लेकर, बात अलग है कि अधिकारियों को इसका कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है लेकिन एक बार फिर एक ऐसे ही मामले में अधिकारियों द्वारा किए गए कार्य पर सवाल खड़े किए जा रहे है। जानकार इसे गलत बता रहे है। यह आदेश गत 14 अक्टूबर को नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 नोडल अधिकारी द्वारा जारी करना बताया गया है। इस आदेश को नगर निगम अधिकारियों द्वारा ही वॉयरल किया गया है। इस आदेश के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण में ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया है, जिसके संबंध में आदेश में नियुक्त पत्र लिखा गया है, जानकारों की माने तो नगर निगम में इस प्रकार का कोई पद नहीं है और न ही नियुक्ति का प्रवधान है, इसलिए नियुक्त पत्र लिखना बिल्कुल गलत है। नगर निगम ने ब्रांड एम्बेसडर बनाया है तो इसकी सूचना संबंधित को पत्र के माध्यम से दे दी जानी चाहिए न कि नियुक्त पत्र जारी होना चाहिए। इसी प्रकार इस आदेश में स्वच्छता सर्वेक्षण को जल आंदोलन बताया गया है जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण जागरूकता अभियान है न कि कोई जन आंदोलन और जन आंदोलन और जागरूकता अभियान में बड़ा अंतर होता है। जानकारों के अनुसार जन आंदोलन जनता द्वारा अपनी मांगो को लेकर किया जाता है। वहीं इस आदेश में जारी कर्ता नोडल अधिकारी है, लेकिन नगर निगम पीआरओ द्वारा ी जा रही जानकारी के अनुसार नोडल अधिकारी शैलेन्द्र शुक्ल है लेकिन आदेश में सहायक नोडल अधिकारी एसके चतुर्वेदी के हस्ताक्षर है और सबसे बड़ी गलती यह भी मानी जा रही है कि नोडल अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर नोडल अधिकारी को ही प्रतिलिपि दी जा रही है। इसमें निगमायुक्त मृणाल मीना को प्रतिलिपि भेजी ही नहीं गई है। इन तमाम बातो को इस आदेश में गलती माना जा रहा है, जानकारों का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस प्रकार की लापरवाही पूर्वक आदेश जारी करना गलत है, निगमायुक्त को ऐेसे मामले को संज्ञान में लेना चाहिए।
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ब्रांड एम्बेंसडर बनाए जाने संबंधी आदेश शोसल मीडिया में वॉयरल है, उसमें कईयां त्रुटिया हैं। इसमें नियुक्त पत्र नहीं लिखा जाना चाहिए, इसके अलावा जन आंदोलन की जगह जागरूकता अभियान है। वहीं नोडल अधिकारी ही नोडल अधिकारी को प्रतिलिपि दे रहे है। निगमायुक्त को इसे संज्ञान में लेकर इस संबंध में दूसरा पत्र जारी होना चाहिए। नियमत: इसे सही नहीं कहा जा सकता है।
अरूण मिश्रा, पूर्व उपायुक्त नगर निगम।