रीवा। त्रिस्तरीय जिला सरकार के कैबिनेट का गठन सोमवार को हो गया। विभागीय समितियों के अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए। अब आगामी पांच साल तक यही कैबिनेट निर्माण कार्यों की समीक्षा के साथ नए निर्माण कार्यों की रूप रेखा तय करेगी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 अगस्त सोमवार को जिला पंचायत सभागार में स्थाई समितियों का गठन किया गया। शासन ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश पर पीठासीन अधिकारी अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने निर्वाचन प्रक्रिया पूरी करायी। सुबह 11 बजे से शुरू हुई निर्वाचन प्रक्रिया शाम साढ़े 7 बजे तक चलती रही। समिति गठन में भाजपा के साथ ही बसपा व कांग्रेस के सदस्यों को भागीदार बनाया गया है अपितु 50 प्रतिशत समितियों की जिम्मेदारी भी दी है। इस बार शासन के निर्देश पर कई नए विभागों की समितियों बनी तो कुछ विभाग को एक ही समिति में समाहित कर दिया गया जबकि गत वर्ष वह स्वतंत्र समिति थी। इस साल गत वर्ष की तुलना में एक समिति कम कर दी गई हैं। इस साल 8 समितियों का गठन किया गया है। सरकार की मंशा तो 50 प्रतिशत पद महिलाओं को देना है लेकिन जिला पंचायत रीवा में नवगठित 90 प्र्रतिशत समितियों का अध्यक्ष महिला सदस्यों को बनाया गया है। समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों का चुनाव निर्विरोध व आपसी सहमति से किया गया है। निर्वाचन दौरान पीठासीन अधिकारी अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह व जिला पंचायत सीईओ स्वप्रिल वानखेड़े, जिपं अध्यक्ष नीता कोल, जिपं उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह, सदस्य आशीष पटेल जिला पंचायत से परियोजना अधिकारी विनायक पांडेय, संजय सिंह, फरहत जैब अग्रवाल अन्य अधिकारी सहित अन्य मौजूद रहे।
किसे कौन सा मिला विभाग
जिला पंचायत की जिन सदस्यों को जिला पंचायत की स्थाई समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है उनमें
समिति अध्यक्ष
सामान्य प्रशासन समिति नीता कोल (पदेन)
शिक्षा समिति प्रणव प्रताप सिंह (पदेन)
कृषि समिति योगेंद्र सिंह निर्विरोध
संचार तथा संकर्म समिति ऊष्मा ललन मिश्रा निर्विरोध
स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास अनीता सुमन निर्विरोध
सहकारिता व उद्योग डॉ संगीता सोनल शर्मा निर्विरोध
वन समिति निर्मला संजीव द्विवेदी निर्विरोध
जैव विविधता प्रबंधन आरती धीरेंद्र पटेल निर्विरोध
जल जीवन समिति अनीता सिंह गौंड़ निर्विरोध
गौ संरक्षण समिति नंदिनी हर्षवर्धन तिवारी निर्विरोध
इनमें अनीता सुमन व आरती धीरेंद्र बसपा जबकि नंदिनी हर्षवर्धन कांग्रेस से हैं। विस अध्यक्ष समर्थित एक भी सदस्य को समितियों का अध्यक्ष नहीं बनाया गया।
००००००००००००००००