रीवा। रीवा के चोरहटा में बनने वाले हवाई अड्डे के निर्माण में पेंच फंस गया है। लीज की अवधि को लेकर भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने आपत्ति दर्ज कर दी है। लीज की फाइल वापस लौटा दी है। सरकार 30 साल का लीज दे रही है और आईएए 90 साल का मांग रही है। लीज में खींचतान चल रही है।
अब हवाई सेवा को नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए नए सिरे से हवाई पट्टी तैयार की जाएगी। राज्य सरकार से अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन ने प्रपोजल भी तैयार कर शासन को भेज दिया था। केबिनेट से भूमि अधिग्रहण करने के लिए 206 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। राज्य सरकार ने चोरहटा हवाई पट्टी को प्रस्ताव भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को सौंपने की तैयारी भी कर ली थी। फाइल प्राधिकरण को भेज दी थी। फाइल में बाकी सब ठीक था, लेकिन जमीन की लीज को लेकर ही प्राधिकरण ने आपत्ति दर्ज कर दी है। रीवा में चोरहटा हवाई पट्टी की लीज सिर्फ 30 सालों के लिए दी जा रही है। जबकि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण 90 साल की लीज मांग रहा है। इससे कम में बात मनाने को भी तैयार नहीं है। हवाई पट्टी का प्रस्ताव भी प्राधिकरण ने सरकार को वापस भेज दिया है। लीज की अवधि बढ़ाने पर ही हवाई अड्डे के विस्तार की कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी।
इन गांवों की जमीनें चिन्हित
चोरहटा हवाई अड्डा निर्माण करने के लिए रीवा के 4 गांव की जमीन को चिन्हित किया गया है। यहां की करीब 250 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। इसमें चोरहटा हवाई पट्टी के पास सरकारी जमीन 64 एकड़ है। इसके अलावा करीब 180 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी। चोरहटा, चोरहटी, अगडाल, उमरी गांव की जमीनें चिन्हित है। जिन किसानों की जमीनें हवाई अड्डे में फंस रही हैं उनकी जमीन अधिग्रहण करने के लिए लिस्टिंग जारी है।
डेढ़ किमी लंबा होगा ट्रैक
वर्तमान में 9 हेक्टेयर शासकीय भूमि पहले से ही चोरहटा हवाई पट्टी के पास है। चोरहटा हवाई अड्डा के विस्तार के लिए करीब 290 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। नई हवाई सेवा शुरू होने के साथ हवाई अड्डा भी नए सिरे से तैयार होगा। प्रस्ताव के अनुसार डेढ़ किमी लंबा ट्रैक होगा। वहीं इसकी चौड़ाई 45 होगी। लंबाई 1800 मीटर के करीब रहेगी। इसके अलावा यहां टर्मिनल भवन, आइसोलेशन-वे, एप्रन, सर्विस भवन, कार पार्किंग, डीवीओआर तथा बाउड्री बनाई जाएगी।
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