रीवा। एचआईव्ही
एड्स नियंत्रण को लेकर जिले सहित प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है।
इसके लिए अभियान चलाकर विशेष तौर पर एचआईव्ही की जांच कराई जा रही है। इसके
अलावा सर्वे कर फीमेल सेक्स वर्कर व गे को भी चिंहित किया जा रहा है। हाल
ही में हुए एक सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रीवा व शहडोल
संभाग की बात करें तो सभी 7 जिलों में रीवा जिला एचआईव्ही के हाई रिस्क में
टॉप पर है। जिले में सबसे अधिक फीमेल सेक्स वर्कर और गे (पुरुषों से संबंध
बनाने वाले पुरूष) रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा यहां असुरक्षित यौन संबंध
स्थापित करने वालो की संख्या भी कम नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से
ही बड़ा खुलासा हुआ है, हालांकि चिंहित सेक्स वर्करों व गे की लगातार
स्कैनिंग की जा रही है ताकि उनको इस बीमारी से बचाया जा सके। वहीं जो मरीज
इस बीमारी की जद में हैं भी उनका उपचार उपलब्ध दवाओं से किया जा रहा है।
हाल ही में राज्य स्तर से भी एक गैर सरकारी संगठन ने इस मामले पर सर्वे
किया था जिसमें इंदौर सबसे हाई रिस्क इसके बाद ग्वालियर व तीसरे नंबर पर
जबलपुर व चौथे नंबर पर हाईरिस्क में भोपाल पाया गया था। जिसको लेकर जब रीवा
व शहडोल संभाग की पड़ताल की गई तो चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
इस तरह रजिस्टर्ड हैं फीमेल सेक्स वर्कर
रिपोर्ट
के मुताबिक रीवा शहडोल संभाग की बात करें तो रीवा जिले में 930 फीमेल
सेक्स वर्कर रजिस्टर्ड है, इसके अलावा दूसरे नंबर पर सिंगरौली में 798
सेक्स वर्कर, सतना में 721 सेक्स वर्कर, शहडोल में 478 सेक्स वर्कर, सीधी
में 341 सेक्स वर्कर, अनूपपुर में 13 सेक्स वर्कर व 11 उमारिया में
रजिस्र्ड हैं। बता दें कि यह वह फीमेल सेक्स वर्कर हैं जो स्वास्थ्य विभाग
के पास रजिस्र्ड हैं, इसके अलावा इनकी तदाद कई सैकड़ा ऐसी भी है जिनकी
पहचान नहीं हो पाई है।
रीवा में 438 गे रजिस्टर्ड
स्वास्थ्य
विभाग द्वारा रीवा में गे (पुरुषो से संबंध बनाने वाले पुरूष) को रजिस्र्ड
किया गया है। जिले में रिकार्ड में 438 गे रजिस्र्ड हैं, इसके अलावा सतना
की बात करे तो यहां 239 गे रजिस्टर्ड है, सीधी में इनकी संख्या कम ही बताई
गई है। सीधी में मात्र 2 गे ही रजिस्टर्ड हैं। स्वास्थ्य विभाग की माने तो
रीवा जिले में रजिस्टर्ड गे में कई बड़े नेताओ सहित बिजनेसमैन व मीडिया
कर्मी, व्यापारी भी शामिल हैं जो मजबूरन नहीं शौक के चलते इस लिस्ट में
शामिल किए गए हैं।
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