रीवा। नगर निगम में कांग्रेस के महापौर अजय मिश्रा बाबा का कार्यकाल एक माह पूरा हो चुका है, इस एक माह के कार्यकाल में मेयर के एक्शन ने लोगो को काफी प्रभावित किया है। फिलहाल लोगो की जुबान में यही शब्द आ रहें है कि मेयर हो तो ऐसा हो…, हालांकि कांग्रेस अपने घोषणाओं से फिलहाल पीछे ही है लेकिन जिस प्रकार से एक्शन मोड में महापौर अजय मिश्रा बाबा ने काम किया है यदि रफ्तार और काम इसी तरह से रहा तो जरूर ही शहर में बड़ा बदलाव एक वर्ष के ही कार्यकाल में देखने को मिलेगा। बता दें कि सबसे ज्यादा महापौर के एक माह के कार्यकाल में उनके द्वारा किए गए भूमिपूजनों की सराहना लोगो के बीच की जा रही है, क्योंकि यह भूमिपूजन दिखावा से अलग व शांति पूर्ण तरीके से बिना रुपयों के खर्च से किए गए हैं जबकि भाजपा के महापौर के कार्यकाल में इन्हीं भूमिपूजनों के लिए टेंट व तामझाम किया जाता था, जिसमें निगम व संबंधित ठेकेदार के रुपए खर्च होते थे, महापौर ने करीब 15 करोड़ के भूमिपूजन अलग-अलग किए है लेकिन एक रुपए का खर्च इसमें निगम को नहीं करना पड़ा और न ही अधिकारियों का समय खराब किया गया वहीं अधिकारी उपस्थित रहे जिनकी अवश्यकता वहां थी।
पॉवर की जंग फिलहाल जारी
बता दें कि कांग्रेस का मेयर बनने केबाद से ही भाजपाईयों में हड़कंप है, महापौर और अध्यक्ष दोनो अलग पार्टियों के हैं, जिनके बीच पॉवर की जंग बीते एक माह से चल रही है,शुरु में ही भाजपा ने कांग्रेस के साथ शपथ लेने से किनारा काटा, इसके बाद अध्यक्ष चुनाव के पहले पार्षदों का गायब होना व कांग्रेस की क्रास वोटिंग ने भाजपाईयों पर कई सवाल खड़े कर दिए। खरीद-फरोख्त के आरोप भी लगे। परिषद् में भाजपाईयों ने शक्ति प्रदर्शन किया व कई प्रस्ताव बहुमत से पास भी कर लिए। कई प्रस्तावों में बदलाव किए गए।
3 अगस्त को बैठे थे कुर्सी पर
बता दें कि वैसे तो महापौर ने 30 जुलाई को ही महपौर पद की शपथ ले ली थी लेकिन 3 अगस्त को वह निगम कार्यालय पहुंचे और अपनी कुर्सी पर बैठ काम शुरु किया था। शुरु से ही एक्शन मोड में रहे महापौर ने एक माह में कई काम कराए व अधिकारियों पर नकेल भी कसी। 3 सितंबर को उनके एक माह का कार्यकाल पूरा हो गया। हालांकि मेयर हेल्पलाइन व घोषणाओं में किए गए वादों पर कोई काम फिलहाल सामने नहीं आया है।
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