रीवा। भाजपा प्रत्याशी पति पुलिस की सह में दारू बांट रहे थे और जब इस बात की शिकायत कांग्रेस पूर्व पार्षद ने पुलिस को की तो पुलिस पूर्व पार्षद को ले गई और वहां जब दारू बांट रहे आरोपियो ने पूर्व पार्षद को बेरहमी से पीटना शुरू किया तो कुछ देर तो कान में फोन लगाए खड़ी रही और फिर पूर्व पार्षद को पिटता हुआ छोड़ रफूचक्कर हो गई! यह शब्द हमारे नही हैं ऐसा चर्चाओ में कहा जा रहा है। बता दें कि सोमवार की रात पूर्व पार्षद व कांग्रेस प्रत्याशी वार्ड 15 के पति अशोक पटेल झब्बू को बेरहमी से पीटा गया। आरोप है कि भाजपा नेता व पूर्व पार्षद रामराज पटेल व उसके भाई सहित अन्य सहयोगियों द्वारा मतदाताओं को लुभाने शराब बांटी जा रही थी जिसकी शिकायत पूर्व पार्षद ने की तो पुलिस पहुंची और उन्हें ही लेकर कार्यवाही करने पहुंच गई जहा उनके साथ बेरहमी से मारपीट की गई जिसके बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल चर्चाओ में व कांग्रेसी खड़े कर रहे हैं। बड़ी वजह ऐसी चर्चाओ की यह भी है कि की जिस भाजपा नेता पर मारपीट का आरोप है उसका भतीज भी पुलिस में है।
– कड़े प्रबंध के बाद भी मतदाताओं तक शराब कैसे पहुंच रही?
– पुलिस को शराब बटवाने वाले प्रत्याशियों की जानकारी क्यों नहीं हो पा रही?
– जानकारी के बाद आखिर दो-चार की संख्या में पुलिस बल कार्यवाही करने क्यों जा रहा जैसा कि पूर्व पार्षद के साथ हुई घटना में बताया गया कि पुलिस से ज्यादा संख्या में आरोपी थे?
– पूर्व पार्षद अशोक पटेल के साथ मारपीट हुई तो साथ में गई पुलिस क्या कर रही थी?
– आरोप है कि कार्यवाही करने गई पुलिस पहले थाना पहुंची बाद में पीडि़तों को उसके परिजन लेकर गए, मौके पर पुलिस क्यों नही बुलाई गई?
– जब पीडि़त थाने पहुंचेे तो पहले उनको अस्पताल के चक्कर कटवाए गए और बाद में शिकायत के लिए परिजनों को थाने ले जाया गया, जबकि पीडि़त ने बताया पुलिस के सामने ही मारपीट की गई तो पुलिस ने शासकीय काम में बाधा का मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया? परिजनों को शिकायत देने के लिए कहा गया?
– यदि बल कम था और पुलिस बिना कार्यवाही लौटी तो अधिक बल के साथ दोबारा क्यों पुलिस नहीं गई?
– यदि पुलिस के सामने मारपीट हुई तो आरोपियों को क्यों नहीं पकड़ा गया?