रीवा। जिले में जहां एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं जिले का नाम रोशन कर रही है वहीं कुछ ऐसी भी प्रतिभाएं है जो रीवा का नाम डुबो देंगी, इनको प्रतिभाएं कहना इसलिए भी गलत नही होगा कि क्योंकि इनकी जो शातिर सोच क्राइम में लगाई जाती है यदि उन्हेंं पढ़ाई लिखाई या अन्य क्षेत्र में लगाया जाए तो वह वाकय में कुछ अलग कर सकते है लेकिन पैसा कमाने का शार्टकट बनाने व अपने महंगा शौख पूरा करने वह क्राइम की दुनिया में कदम रख देते है। हम आपको इस खबर में रीवा के ऐसे ही अपराधियों के बारे में बताने जा रहे है जो ऐसे-ऐसे हैरान कर देने वाले कारनामें किए बैठे हुए है जिन्हें सुन सब हैरान हैं। बता दें कि ईओडब्ल्यू ने दस हजार रुपए केे इनामी आरोपी को भोपाल से गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को ईओडब्ल्यू व लोकायुक्त का अधिकारी बताकर सरकारी कर्मचारियों को छापे का भय दिखाकर ठगी का शिकार बनाता था। बताया गया कि आरोपी दस लाख से अधिक की राशि सरकारी कर्मचारियों से छापे का भय दिखाकर वसूल कर चुका था।
ईओडब्ल्यू ने अरोपी संजय मिश्रा पिता रामलोचन मिश्रा निवासी तिलक नगर रीवा व उसके दो सहयोगी आष्कृत मिश्रा व रघुराजा गर्ज निवासी पन्ना हाल निवास नया बसेरा कोटरा सुल्तानबाद भोपाल को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूछतांछ में बताया कि उसके द्वारा पंचायत विभाग, सहकारिता, राजस्व, जलसंसाधन, खनिज, एमपीईबी के अधिकारियों से पिछले कई माह से अपने एकाउंट के साथ ही बेटे और अपने साथी के खाते में दस लाख रुपए की ज्यादा की राशि फर्जी ईओडब्ल्यू अधिकारी व लोकायुक्त पुलिस बनकर वसूली गई। सरकारी कर्मचारियों से यूनियन बैंक की शाखा नेहरू नगर रीवा में दस हजार से लेकर एक लाख रुपए तक जमा करवाता था। जलसंसाधन विभाग के कर्मचारी जयकिशन द्विवेदी संजय मिश्रा के खाते में 27 जुलाई 2021 को एक लाख रुपए जमा किए थे, वहीं रामनरेश साकेत रेंजर उचेहरा से 50 हजार रुपए की मांग की थी, जिसके बाद रेंजर रामनरेश साकेत ने उक्त राशि उसके एकाउंट में नहीं डलवाई साथ ही कालीचरण दुबे उप यंत्री जलसंसाधन विभाग सागर से भी आरोपियों ने सीनियर इस्पेक्टर ईओडब्ल्यू बनकर 25 हजार रुपए की मांग की थी, जिसकी शिकायत कर्मचारियों ने ईओडब्ल्यू पुलिस रीवा से की थी।
आरोपी संजय मिश्रा तिलक नगर के विरुद्ध एफआईआर 2 सिंतबर 2021 को पंजीबद्ध किया था, जिसके बाद आरोपी संजय मिश्रा अपने बेटे आष्कृत के साथ रीवा छोड़कर भोपाल भाग गया और टीटी नगर भोपाल में किराए के माकान में रह रहा था। मामले की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू के महानिदेशक व अतिरिक्त महानिदेशक ने रीवा ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे,जिसके बाद भोपाल के उप निरीक्षक सौरभ व प्रधान आरक्षक सुनील एवं रीवा ईओडब्ल्यू के निरीक्षक प्रवीण चर्तुवेदी, उपनिरीक्षक आशीष मिश्रा व प्रधान आरक्षक व आरक्षकों ने भोपाल से आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई।
आरोपी चार माह में भोपाल में करीब 3.60 लाख रुपए जमा हुए, जिसमें उसके बेटे ने करीब 36 हजार कि राशि दूसरे आरोपी को बतौर हिस्सा दिया। बता दें कि आरोपी आदतन अपराधी बताया जा रहा है। बताया गया कि संजय मिश्रा ने 2019 में भी लोकायुक्त का अधिकारी बनकर ठगी किया था, जिसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज थी। जिसके बाद से वह फरारी में रहा।
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