रीवा। पिछले दिनों से झाखंड में बिकने जा रहा तीन ट्रक धान हनुमना में पकड़े जाने के बाद एक राइस मिनर पर कार्रवाई की गई लेकिन इस कालेकारोबार में जिले के गई राइस मिलर शामिल है जिन पर अभी कार्रवाई नहीं हुई है। हांलाकि नॉन प्रबंधक ने एमपीआरडीसी व वेयर हाउस विभाग से 20 अगस्त से 23 अगस्त तक महज चार दिन का फुटेज व इतने ही दिन का एलाटमेंट मंगाया है लेकिन इससे कई मगरमच्छ बच जायेंगे। यदि 2022-23 की मिलिंग प्रक्रिया शुरू होने के दिनांक से फुटेज व एलॉटमेंट की जांच की जाय तो जिले 50 फीसदी से अधिक राइस मिलरों की गर्दन फंस सकती है। हांलाकि विभाग को सहजता से एक माह का ही फटेज मिल सकता है आगे के लिए साइबर एक्सपर्ट का सहारा लेना पड़ेगा। यदि ऐसा हुआ तो कई रसूखदार मिलरों के गिर$फ्त में आने की संभावना है।
चोरहटा के राइस मिलों में ब्रांडेड कंपनियों के नाम की पैकिंग
जिले के कुछ राइस मिलर तो जिले में उपार्जित अच्छी का धान को यूपी, बिहार व झारखंड में बेचकर व वहां घटिया चावल लेकर मुनाफा कमा रहे हैं तो शहर के चोरहटा में स्थित कई राइस मिलों में दोहरा कारोबार हो रहा है। यहां पर ब्रांडेड कंपनियों के नाम के पैकेट छपवाकर जिल में उपार्जित अच्छी धान का चावल पैक कर बाजार में बेचा जाता है। और पीडीएस के लिए छतीसगढ़, बिहार व यूपी से घटिया चावल मंगाकर गोदामों में जमा किया जाता है। यदि इन राइस मिलों छापामार कार्रवाई की जाय तो चावल के काले कारोबार का खुलासा हो सकता है। इनमें अधिकांश राइस मिलर वर्ग विशेष हैं और सत्ता में गहरी पैठ भी है। बतादें कि गत वर्ष एक इसी वर्ग के मिलर के गोदाम से पीडीएस का एक ट्रक चावल चोरहटा पुलिस ने पकड़ा था। उक्त ट्रक पीडीएस परिवहन कारोबारी का था। परिवहन कारोबारी लालजी गुपता को चोरहटा पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। लेकिन जेल छूटने के बाद एक बार फिर वही परिवहन ठेकेदार पेटी कांट्रेक्ट में पीडीएस के खाद्यान्न परिवहन का कार्य कर रहा है। वैसे तो ठेका आनंद मोटर्स को मिला है लेकिन परिवहन की जिम्मेदारी लाल जी गुप्ता द्वारा निभाई जा रही है। चार पांच साल पूर्व हनुमना में पकड़े गए दो ट्रक पीडीएस के गेहूं मामले में लाल जी गुप्ता के मेनेजर सोनू खान को आरोपी बनाया गया था और फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया गया था। लेकिन एक बार फिर वही व्यक्ति फर्म का नाम बदल कर पीडीएस के काम में जुटे हैं।
यूपी के राइस मिलर का भी नाम
धान फर्जीवाड़ा मामले में यूपी के मिर्जापुर जिले के एक राइस मिलर का नाम भी आ रहा है। सूत्रों की माने तो उक्त मिलर ने रीवा में भी अपना कारोबार फै लाना चाह रहा था लेकिन यहां के मिलरों द्वारा उसका विरोध किया गया था। मिलर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने स्थानीय स्तर से लेकर राजधानी तक यूपी के मिलरों का विरोध किया गया था। हनुमना में पकड़ गए ट्रक यूपी मिर्जापुर के बताए गए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं उक्त कारोबारी ने आपने खास ट्रक आपरेटरों के माध्यम से मिलर विशेष को फंसाने के लिए ऐसी कूटरचना की गई हो क्योंकि यूपी के मिलरों को धान देने के विरोध में उक्त राइस मिलर की मुख्य भूमिका थी। जिला प्रशासन को इस दिशा में भी जांच करनी चाहिए क्योंकि रीवा के मिलरों के विरोध से उक्त कारोबारी को व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ है।