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रीवा। एचआईव्ही एड्स का ग्राफ बढ़ रहा है, पुरुष महिला तो ठीक इसकी चपेट में नवजात भी भारी संख्या में है, इस पर रोक लगाने स्वास्थ्य विभाग ने ताकत झोंक तो रखी है लेकिन मेहनत के अनुसार परिणाम नहीं मिल रहा है। शनिवार को केन्द्रीय जेल रीवा में सेंपलिंग इस संबंध में की गई, अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने बताया कि केन्द्रीय जेल में राज्य एड्स नियंत्रण समिति के द्वारा प्रायोजित और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएल मिश्रा के निर्देशन में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयेाजन सोशल डिस्टेंस के साथ किया गया। इस अवसर पर डी एल एन टी आई लक्ष्यगत हस्ताक्षेप परियोजना के प्रोग्राम मैनेजर डॉ जैनुल खान की टीम के द्वारा एचआईव्ही जॉच और टीबी स्क्रीनिंग 130 पुरूष एव 97 महिला बंदियो का किया गया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने बताया की जेल में बंद समस्त परिरूद्व समस्त बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य है। प्रत्येक बंदी का जेल में प्रवेश होने पर जेल चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कर बंदी की स्वास्थ्य पुस्तिका तैयार कर सभी परीक्षण की रिर्पोट अंकित कर बंदियो का जेल अस्पताल में उपचार कराया जाता है। कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की अनिवार्य करते हुये जेल में पैरोल पर रिहा होने वाले बंदियो को दोनो डोज का टीकाकरण लग जाने की पुष्टि कर उन्हे रिहा किया जाता है। उपअधीक्षक रविशंकर सिहं ने इस अवसर पर बंदियो को अनुशासन में रहने एवं जेल के नियमो का पालन करते हुये अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने तथा स्वास्थ्य खराब होने पर जेल चिकित्सालय में आकर ईलाज की जानकारी दिये।
इस अवसर परं डॉ.आर के मिंश्रा और विनोद पाण्डेय काउंसलन ने बंदियों को एचआईव्ही के लक्षण एवं उपचार एवं बचाव की जानकारी दिये। कोरोना महामारी से बचाव एवं टीकाकरण के संबध में विस्तार से बंदियो को जानकारी दी गई। मप्र राज्य एड्स नियंत्रण समिति के निर्देशानुसार जेल में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के आयोजन में पायल कुशवाहा, एनएम विद्या सिहं, रोहित मिश्रा और खुशबू कश्यप उपस्थित रहकर बंदियो के स्वास्थ्य शिविर को सफल बनाया। इस कार्यक्रम का संचालन विवेक मौर्य के द्वारा किया गया जेल प्रसासन के समस्त अधिकारी तथा ड्यूटीरत प्रहरी उपस्थित रहे।
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