रीवा। वर्ष 2005 में सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन के बाद आज 16 वर्ष बाद भी सरकारी विभागों द्वारा जानकारियां छुपाई जा रही है। कई ऐसे मामले आते हैं जहां आवेदकों को आरटीआई के तहत जानकारी नहीं दी जाती जिस पर वह सूचना आयोग में अपील करते हैं। ऐसे ही कुछ मामलों में मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आरटीआई एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी की अपील पर बड़ी कार्यवाही की है। जिला पंचायत रीवा में आरटीआई से जुड़े हुए एक मामले में सीईओ जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े के औचक निरीक्षण के विषय में मांगी गई जानकारी को घुमा फिरा कर और भ्रामक तौर पर पेश करने के लिए तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी सहायक परियोजना अधिकारी एवं डीम्ड पीआईओ आभा सिंह को 25 हज़ार प्रत्येक के हिसाब से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा एक आरटीआई लगाकर वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेडे के औचक निरीक्षण के विषय में जानकारी चाही गई थी जिसमें उन्होंने यह मांग की थी कि निरीक्षण के दौरान क्या अनियमितताएं पाई गई है और अनियमितताओं के बाद सीईओ स्वप्निल वानखेड़े द्वारा सरपंच,सचिव,उपयंत्री, सहायक यंत्री रोजगार सहायक आदि को जो कारण बताओ नोटिस और तत्पश्चात कार्यवाही की गई है उसके विषय में जानकारी चाही गई थी। आवेदक के द्वारा समाचार पत्र में प्रकाशित अखबार की एक कटिंग भी लगाई गई थी जिसके माध्यम से तथ्य प्रमाणित हो रहा था कि इस प्रकार की कार्यवाही जिला पंचायत कार्यालय द्वारा की जा चुकी थी। परंतु मामले को गंभीरता पूर्वक न लेते हुए लोक सूचना अधिकारी एवं सहायक परियोजना अधिकारी आभा सिंह के द्वारा आवेदक को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई जिस पर शिवानंद द्विवेदी के द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एबी खरे के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत की गई जिसकी सुनवाई में प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा भी आभा सिंह का ही पक्ष लिया गया। खरे की सुनवाई से असंतुष्ट होकर आवेदक ने मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में द्वितीय और अंतिम अपील दायर की।
जिसकी सुनवाई 20 दिसंबर 2021 को संपन्न हुई जिसमें लोक सूचना अधिकारी के द्वारा आयोग के समक्ष अपना जवाब भी प्रस्तुत किया जिसमें आयोग के समक्ष उन कारण बताओ नोटिस की प्रमाणित प्रति भी उपलब्ध करवा दी गई जो सीईओ स्वप्निल वानखेड़े द्वारा सरपंच सचिवों को भेजी गई थी तब ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक था कि एक तरफ तो पीआईओ द्वारा आवेदक को गुमराह किया गया की जानकारी स्पष्ट नहीं है और दूसरी तरफ आयोग के समक्ष जानकारी दे दी गई जिसके विरोधाभासी होने के कारण सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सहायक परियोजना अधिकारी आभा सिंह और उस समय तत्कालीन डीम्ड पीआईओ को 25 हज़ार रुपये प्रत्येक के हिसाब से जुर्माने का कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है जिसकी अगली सुनवाई 24 जनवरी 2022 को सूचना आयोग अरेरा हिल्स भोपाल में होनी है। मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि जिस प्रकार से सभी मामलों में सूचना आयुक्त राहुल सिंग के द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाही की जा रही है ऐसे में जाहिर है कि आने वाले समय में इस मामले पर भी तगड़ा जुर्माना लग सकता है। बता दें कि केवल अकेला ऐसा मामला नहीं है जिस पर जिला पंचायत रीवा के लोक सूचना अधिकारियों के द्वारा जवाब देने में आनाकानी और हीलाहवाली की गई है बल्कि ऐसे लगभग सभी मामले हैं जिन पर आवेदक को परेशान किया जाता है। ऐसी सख्ती से अधिकारियों की मनमानी पर लगाम कसेगी और सूचना का अधिकार कानून और भी मजबूत होगा।
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