रीवा। रीवा के मिश्रा परिवार द्वारा नई कार खरीद कर इसी परिवार के छह सदस्य तीर्थ दर्शन करने निकले थे। ओंकारेश्वर दर्शन के बाद लौटते समय मंगलवार तड़के 3 बजे इनकी कार पलट कर पेड़ से टकरा गई। इस दुर्घटना में 6 साल के मासूम के साथ उसके पिता व चाचा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि बच्चे की मां व तीन साल की बच्ची और एक युवक सुरक्षित हैं। हादसे से हतप्रभ मां बेटे का शव छाती से लगाकर 13 घंटे तक पति और देवर के शव के पास ही लेटी रही। मंगलवार की शाम 4 बजे शव वाहन मिलने पर पोस्टमार्टम कराया जा सका। घटना की सूचना मिलने पर सुबह 11 बजे ही परिवार के सदस्य रोशनी अस्पताल पहुंच गए थे। यह हादसा आशापुर-बैतूल हाईवे पर बाराकुंड फांके के पास खंडवा में हुआ।
दुर्घटना में जीवित बचे उपेंद्र पिता माखनलाल उम्र 25 वर्ष ने बताया कि कुछ माह पहले ही काम के सिलसिले में नागपुर शिफ्ट हुए थे। भाई प्रतीक ने नई कार खरीदी थी, जिससे हम ज्योतिर्लिंग दर्शन करने निकले थे। पहले इंदौर होते हुए उज्जैन गए। महाकाल के दर्शन के बाद ओंकारेश्वर आए। यहां दर्शन कर खंडवा के लिए निकले। बीच में एक जगह भोजन के लिए रुके। आशापुर-बैतूल हाईवे पर रात करीब तीन बजे रोशनी के पास कार दुर्घटनागस्त हो गई। कार प्रतीक चला रहा था। थके होने से सब नींद में थे। अचानक कार पलटकर पेड़ से जा टकराई। घटना में चचेरे भाई मोहित उर्फ सुधीर पिता राजेश मिश्रा उम्र 32, प्रतीक पिता अमृतलाल मिश्रा उम्र 25वर्ष, व मोहित के 6 साल के बेटे युवान की मौके पर ही मौत हो गई। मोहित की पत्नी आभा उम्र 28 वर्ष, देवर उपेंद्र पिता अमृतलाल उम्र 26 वर्ष को मामूली चोट आई है। मोहित की दो साल की बेटी यशी भी सुरक्षित है। बता दें कि इस बात की जानकारी होते ही मिश्रा परिवार सुबह रोशनी अस्पताल पहुंच गया, हालांकि यहां इनको प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा और करीब 13 घंटे तक उनको शव वाहन ही नहीं दिया गया। खंडवा में हुई इस घटना से जिले भर में शोक की लहर है।