भोपाल/ग्वालियर। महाविद्यालयों में सत्र 2022-23 में भी अतिथि विद्वान अपनी सेवा निरंतर जारी रखेंगे। इस संबंध में हायर एजुकेशन ने फरमार जारी कर दिए है। आदेश प्रदेश भर के सभी महाविद्यालयों में भेज दिया गया है। इस आदेश के मुताबिक अतिथि विद्वानों की सेवा नियमावली शर्त 17 दिसंबर 2019 के तहत ही रहेगी। इनका मानदेय भी इसी के आधार पर मिलेगा। जारी आदेश में उच्च शिक्षा विभाग ने यह पूरी तरह से स्पष्ट किया है कि रिक्त पदों के विरूद्ध कार्य करने वाले अतिथि विद्वानों के पद में अगर कोई नियमित नियुक्ति होती है तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। विभाग द्वारा फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों का भी जिक्र किया गया है। अतिथि विद्वान महासंघ के अध्यक्ष डॉ.देवराज सिंह ने कहा कि नियमितीकरण के लिए अतिथि विद्वानों ने लंबा आंदोलन भी किया था। सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण के लिए अभी तक कोई नीति नहीं बनाई गई। सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों का शोषण किया जा रहा है। अतिथि विद्वानों को नए सत्र में नई शिक्षा नीति के तहत नियमितिकरण का इंतजार था। लेकिन सरकार फिर अतिथि विद्वानों के साथ न्याय करने की बजाय उसी शोषणकारी अतिथि विद्वान व्यवस्था में झोंक रही है। अतिथि विद्वानों की सेवा शर्तांे में कोई सुधार नहीं किया गया। वहीं डॉ.अशीष पाण्डेय ने कहा कि प्रवेश परीक्षा, प्रबंधन, अध्यापन, मूल्यांकन, चुनाव आदि समस्त कार्य अतिथि विद्वान वर्षों से करते आ रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा अतिथि विद्वानों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया गया न वेतन बढ़ाया गया और न ही सुविधाएं बढ़ाई गई है।
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