रीवा। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की रैंकिंग की समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि विद्यार्थियों के नामांकन, शाला त्यागी बच्चों के सर्वेक्षण, पुस्तक तथा गणवेश वितरण एवं स्कूलों की आधारभूत सुविधाओं के संबंध में ऑनलाइन जानकारी समय पर नहीं दर्ज की गई। इसमें जिला समन्वयक शिक्षा मिशन तथा बीआरसी की लापरवाही उजागर हुई है। पोर्टल पर जब तक शिक्षा से जुड़े डाटा की सही फीडिंग नहीं कर दी जाती है तब तक लापरवाह अधिकारियों और शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जाएगा। तय समय सीमा में डाटा फीडिंग न कराने पर निलंबन सहित अन्य कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाहियां की जाएंगी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी स्वप्निल वानखेड़े ने कहा कि जिले में प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों का प्रवेश पर्याप्त संख्या में हुआ है लेकिन तय समय सीमा में इनकी जानकारी संबंधित बीआरसी द्वारा ऑनलाइन दर्ज नहीं की गई है। इसी तरह विकासखण्डवार मांग के अनुसार पाठ्य पुस्तके शासन से उपलब्ध कराई गईं। इनका वितरण भी कर दिया गया लेकिन वितरण की जानकारी दर्ज नहीं की गई है। बीएसी तथा बीआरसी को प्रत्येक शाला का साल में कम से कम दो बार निरीक्षण करना आवश्यक है लेकिन इसमें भी पोर्टल में डाटा शून्य दर्शा रहा है। गणवेश के वितरण, व्हाट्सएप आधारित मूल्यांकन, शाला अप्रवेशी बच्चों के सर्वेक्षण तथा दिव्यांग बच्चों के शाला प्रवेश एवं पंजीयन के संबंध में भी जानकारियां दर्ज करने में भी लापरवाही बरती गई है। समय पर सही डाटा दर्ज न करने के कारण जिले की रैंकिंग में गिरावट आई है। सभी डाटा 15 जून तक अनिवार्य रूप से दर्ज कराएं। तब तक डीपीसीए बीआरसी एवं संकुल प्राचार्यों के वेतन का आहरण नहीं होगा। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जीपी उपाध्याय, डीपीसी संजय राय सक्सेना, सुदामा गुप्ता, बीईओ बीआरसी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।