रीवा। शुक्रवार को 1.5 करोड़ की दो डीआर मशीन एसजीएमएच के हवाले हो गई। पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ देवेश सारस्वत ने शुभारंभ किया। शुभारंभ के बाद मरीजों की जांच भी शुरू हो गई है। ज्ञात हो कि श्याम शाह मेडिकल कॉलेज और एसजीएमएच को डेढ़ करोड़ की दो डीआर मशीन शासन से मिली थी। एक डीआर मशीन पहले से ही इंस्टाल थी लेकिन मरीजों की भीड़ के कारण वेटिंग बढ़ जाती थी। इसे देखते हुए प्रबंधन ने शासन से दो डीआर मशीन की डिमांड की थी। स्वीकृति के बाद मशीनें भी मिल गई। मशीनेंा को कंपनी ने इंस्टाल करने के बाद प्रबंधन को हैंडओव्हर कर दिया। हैंडओव्हर किए जाने के बाद शुक्रवार को इसके शुभारंभ का दिन तय किया गया। रेडियोलॉजी विभाग में इंस्टाल किए गए दोनों डीआर मशीनों का शुक्रवार की सुबह शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ल मौजूद थे। इसके अलावा डीन डॉ देवेश सारस्वत, विभागाध्यक्ष डॉ राहुल मिश्रा सहित डॉ अमरीश शुक्ला, डॉ संजीव शर्मा, शिशुरोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नरेश बजाज, सीएमओ डॉ यत्नेश त्रिपाठी, डॉ अनुराग चौरसिया सहित अन्य मौजूद रहे। डीआर मशीनों का शुभारंभ होने के बाद उन्हें जनता के लिए समर्पित कर दिया गया। अब संजय गांधी अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में तीन डीआर मशीनें हो गई हैं। यह मशीनें पूरी तरह से आटोमैटिक हैं। तुरंत जांच रिपोर्ट अब मरीजों को उपलब्ध होंगी। लंबी वेटिंग की समस्या भी नहीं रहेगी। सबसे अधिक समस्या सुबह ओपीडी के दौरान ही होती थी। मशीनों के इंस्टाल होने के बाद अब मरीजों को जांच कराने में राहत मिलेगी।
पीजी सीट का है इंतजार
रेडियोलॉजी विभाग में अब मशीनरी की कमी नहीं रह गई है। स्टाफ और डॉक्टर भी पर्याप्त है। अब सिर्फ पीजी सीटें मिलने का ही इंतजार है। पीजी शुरू करने की अनुमति भी आयुष चिकित्सा विश्वविद्यालय ने दे दी है। एनएमसी की स्वीकृति मिलते ही यहां पीजी की भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पीजी शुरू होने के बाद एक्सरे की ही तरह सोनोग्राफी की भी सुविधा 24 घंटे मरीजों को उपलब्ध होगी। अभी सिर्फ ओपीडी के समय ही सोनोग्राफी की सुविधा मिल रही है। इसके अलावा सिर्फ एमरजेंसी सेवाएं दी जा रही है।