सतना। हर घर तिरंगा अभियान लापरवाही के चलते फेल होता दिख रहा है। जिसकी बड़ी लापरवाही प्रसाशन कि है। अमानक तिरंगे ही वितरित कराए जा रहे हैं। जिसकव लेके लोंगो में आक्रोश है।हैरानी इस बात की है कि भाजपा सरकार के सांसद, मंत्री व एमएलए व पदाधिकारी इन्ही अमानक तिरंगा झंडो के साथ फोटो खींचा कर वाहवाही लूटी रहे हैं। हालाकि कमियां सारे देश मे सामने आई हैं। सप्लाई गुजरात से हो रही है जिसे तिरंगा झंडा वापस किया जा रहा है। बता दें कि हर घर तिरंगा अभियान के लिए झंडे उपलब्ध कराने जगह जगह केंद्र खोले गए हैं। जहां स्व सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा तैयार किए गए। झंडे 25 रुपए प्रति की दर पर दिए जा रहे हैं। सतना के भाजपा कार्यालय में भी ऐसा ही एक केंद्र खोला गया है जिसका उद्घाटन गुरुवार को संगठन प्रभारी अभय सिंह यादव, पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद गणेश सिंह, जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी समेत तमाम भाजपाइयों की मौजूदगी में किया गया। इस दौरान भाजपाइयों ने जो झंडे हाथ मे पकड़ कर फोटो सेशन कराया वो अमानक स्तर के थे।
मीडिया सूत्रों के मुताबिक सांसद के हाथ मे जो तिरंगा था उसका कोना फटा हुआ था और अशोक चक्र भी झंडे के मध्य में नही था। लेकिन जल्दबाजी में शायद भाजपाइयों ने यह देखना जरूरी नहीं समझा। अब जब कार्यक्रम की तस्वीरे सोशल मीडिया में पोस्ट हुईं तो वायरल भी हो गईं। न केवल कांग्रेसियों बल्कि आम लोगों ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए कि क्या भाजपाइयों को झंडे के मानकों का ज्ञान नही है? क्या उन्हें नही पता कि झंडे का आकार कैसा होना चाहिए, झंडे की माप क्या होनी चाहिए और झंडे में अशोक चक्र किस स्थान पर होना चाहिए?या फिर वे सिर्फ तस्वीरें खिंचाना ही जानते हैं। सोशल मीडिया पर इन सवालों के जरिए सतना में भाजपा आलोचना का शिकार बन कर रह गई है।
कांग्रेस ने घेरा
बता दें कि वायरल तस्वीरों में कांग्रेस ने भाजपा नेताओं को घेर लिया, कांग्रेस प्रवक्ता अतुल सिंह परिहार ने तो इसे तिरंगे का अपमान करार देते हुए भाजपा नेताओं एवं झंडे तैयार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। उधर स्व सहायता समूहों की महिलाओं की भी कुछ तस्वीरें अभियान के प्रचार प्रसार के लिहाज से पोस्ट हुईं लेकिन जल्दी ही उन्हें भी प्लेटफॉर्म से हटाना पड़ा। क्योंकि उनमें कई महिलाओं ने तिरंगा उल्टा पकड़ रखा था तो कुछ झंडे जमीन पर पैरों के पास पड़े भी नजर आ रहे थे।
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